शक्तिशाली शाबर मंत्र पहले से ही शक्तियों से परिपूर्ण और सिद्ध होते हैं। इन मंत्रों के केवल उच्चारण मात्र से व्यक्ति के सारे कार्य सिद्ध हो जाते हैं। इनके प्रयोग बहुत ही प्रभावी होता है। इन मंत्रों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इन प्रभाव स्थिर होता है तथा इनकी काट निश्चित नहीं होती है। यह मंत्र आम बोल चाल की भाषा में होते हैं।
सिद्ध शाबर मंत्र
ॐ शिव गुरु गोरखनाथाय नमः
शाबर मंत्रों के जनक
शाबर मंत्रों के प्रवर्तक मूल रूप से भगवान शिव के परम भक्त थे। शाबर मंत्रों की उत्पत्ति का श्रेय गुरु गोरखनाथ और गुरु मछन्दर नाथ को जाता हैं। अपने जप, तप और श्रद्धा के कारण गुरु गोरखनाथ और मछन्दर बहुत पूजनीय माने जाते हैं।
शाबर मंत्र का प्रयोग और प्रभाव
सिद्ध शाबर मंत्र बहुत शक्तिशाली होते हैं। किसी भी व्यक्ति द्वारा प्रयोग किए गए मंत्रों को यह आसानी से काट सकते हैं। इन मंत्रों के प्रयोग द्वारा किसी भी समस्या का समाधान सरलता से किया जा सकता है। इन मंत्रों में विनियोग, व्रत, तर्पण, हवन, पूजा आदि की कोई आवश्यकता नहीं होती है।
शाबर मंत्र के महत्त्वपूर्ण तथ्य
* किसी भी आयु, जाति और वर्ण के पुरुष या स्त्रियां इस मंत्र का प्रयोग कर सकते हैं।
* इन मंत्रों की साधना के लिए गुरु की आवश्यकता महत्त्वपूर्ण नहीं होती है।
* षट्कर्म की साधना को करने के लिए गुरु की राय अवश्य लेनी चाहिए।
* मंत्र के जाप के लिए लाल या सफेद आसन बिछाकर उस पर बैठना चाहिए।
* शाबर मंत्र का जाप श्रद्धा और विश्वास के साथ ही करना चाहिए।
* इन मंत्रों की साधना के लिए गुरु की आवश्यकता महत्त्वपूर्ण नहीं होती है।
* षट्कर्म की साधना को करने के लिए गुरु की राय अवश्य लेनी चाहिए।
* मंत्र के जाप के लिए लाल या सफेद आसन बिछाकर उस पर बैठना चाहिए।
* शाबर मंत्र का जाप श्रद्धा और विश्वास के साथ ही करना चाहिए।
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