कभी-कभी किसी कारण से पेट में वायु को भी तो होकर बंध जाती है, जिस कारण से पेट फूल जाता है और उसमें पीड़ा होने लगती है । व्यक्ति बेचैन हो जाता है । वायु खारिज होने पर ही व्यक्ति को शांति मिलती है । निम्नलिखित साबर मंत्र से वायु गोला का निवारण हो जाता है ।
ॐ नमो काली कंकालिनी नदी पार बसे इस्माइल जोगी लोहे का कटोछा काटि काटि लोहे का गोला काटि काटि हो शब्द साँचा फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा ।
इस मंत्र को भी सिद्ध करने की कोई आवश्यकता नहीं है । रविवार या मंगलवार के दिन तक रोगी को सामने बिठाए, फिर मंत्र पढ़कर, चाकू से रोगी के पेट का स्पर्श कर, भूमि पर एक रेखा खींच दें । यह क्रिया 21 बार करें । इस क्रिया से वायु बोला आदि विकार का शमन हो जाता है । यह क्रिया 3 दिन बराबर की जा सकती है ।
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