ज्वर, थकान, सर्दी आदि के कारणों से यदि व्यक्ति के शरीर में अत्यधिक पीड़ा हो रही हो, तो निम्नलिखित साबर मंत्रों से वह पीड़ा शीघ्र दूर की जा सकती है ।
मंत्र
उस पार से आती बुढ़िया छुतारी तिसकै काँधे पेै सरके पिटारी कौन कौन शर बाण सु शर कु पौरा शर समान अमुक के अंग की कथा तन पीर लौटि गिरै उनके कलेजे तीर आज्ञा पिता ईश्वर महादेव की दुहाई फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा ।
इस मंत्र का प्रयोग रोगी को सामने बिठाकर किया जाता है । सबसे पहले एक कटोरी में थोड़ा-सा सेंधा नमक लेकर पास में रखें । मंत्र पढ़कर 7 या 11 बार अनामिका उंगली को नमक की डली पर फेरना चाहिए । जितनी बार मंत्र पढ़े, उतनी बार यह क्रिया की जाए । इसके पश्चात नमक रोगी को खिला दें इसी से रोगी का पेट दर्द दूर हो जाएगा ।
दूसरा मंत्र
पेट व्यथा पेट व्यथा तुम हो बलवीर तेरे दर्द से पशु मनुष्य नहीं स्थिर पेट पीर ले वो पल में निकार दो फेक सात समुंदर पार आज्ञा कामरु कामाक्षा होई आज्ञा हाड़ी दासी चंडी दुहाई ।
तीसरा मंत्र
ॐ नमो इटठी मीटठी भस्म कुरु कुरु स्वाहा
पहले 12500 बार जप कर मंत्र सिद्ध कर ले । अब जब भी कोई पेट दर्द से परेशान हो, तो कटोरी में थोड़ा जल लेकर उसे 21 बार मंत्र पढ़कर अभिमंत्रित कर लें । यह जल रोगी को पिलाएं । इसी से दर्द ठीक हो जाएगा ।
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