-->

Ads 720 x 90

Translate

दंत पीड़ा निवारक साबर मंत्र - Daant dard ka shabar mantra

दंत पीड़ा निवारक साबर मंत्र - Daant dard ka shabar mantra

दंत पीड़ा अर्थात दांतो का कष्ट किसी भी प्रकार से हो सकता है । दांतों का हिलना, दांतों में कीड़ा लगना, मसूड़ों के फूल जाने आदि कारणों से भी असहनीय वेदना होती है । संभवत: दांतो की पीड़ा शरीर की अन्य पीड़ाओं के मुकाबले अधिक कष्ट कर होती है ।
मंत्र
आग बांधो, अगिया बेताल बांधो सौ काल विकराल बांधो,सौ लोहा लुहार बांधो बजर अस होय वजरधन, दांत पिराय तो महादेव की आन।

रविवार या मंगलवार के दिन यह प्रयोग आरंभ करें । मंत्र पढ़ते हुए रोगी के दांतों पर नीम की ताजा टहनी से झाड़ा दें । इससे बादी के कारण होने वाली दंत पीड़ा से व्यक्ति को मुक्ति मिल जाती है ।
या दाएं हाथ की तर्जनी उंगली दर्द करते हुए दांत पर रखकर 21 बार मंत्र पढ़ने से भी दर्द दूर हो जाता है । यह प्रयोग तब करना चाहिए जब नीम की ताजा टहनी ना मिल पाए ।
दूसरा प्रयोग

ॐ नमो आदेश कामरु देस कामाख्या देवी,जहां बसै इस्माइल जोगी ,इस्माइल जोगी ने पाली गाय, नित दिन चरने वन में जाय, वन में घास पात को खाय , गोबर ते कीड़ा उपजाय, सात सूत सुतियाला पुचिछ पुच्छयला देह पीला मुँह काला, वह अन्न कीड़ा दन्त गलावे, मसूड़े गलावे ,दाढ़ मसूढ करे पीड़ा तो गुरु गोरखनाथ की दुहाई फिरै।

सर्वप्रथम में छोटी-छोटी 3 एक ही साइज की कीले ले । हर कील पर सात सात बार उपरोक्त मंत्र पढ़े और कहीं लकड़ी पर ठोक दे । कीलें सीधी जानी चाहिए इस प्रयोग से व्यक्ति की दर्द पीड़ा दूर हो जाएगी । ठोकते समय यदि कोई की टेढ़ी  हो गई तो पीड़ा भी दूर नहीं होगी । इस दशा में दूसरी 3 कीले लेनी चाहिए और दोबारा से प्रयोग करना चाहिए ।

Related Posts

Post a Comment

Subscribe Our Newsletter