Mantra
ॐ ह्रीं श्रीं चामुण्डा सिंह-वाहिनी।
बीस-हस्ती भगवती, रत्न-मण्डित सोनन की माल।
उत्तर-पथ में आप बैठी, हाथ सिद्ध वाचा ऋद्धि-सिद्धि।
धन-धान्य देहि देहि, कुरु कुरु स्वाहा।”
विधिः- उक्त मन्त्र का सवा लाख जप कर सिद्ध कर लें। फिर आवश्यकतानुसार श्रद्धा से एक माला जप करने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं। लक्ष्मी प्राप्त होती है, नौकरी में उन्नति और व्यवसाय में वृद्धि होती है।
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