बांधो भूत जहा तू उपजो
छाड़ो गिरे पर्वत चढ़ाई
सर्ग दुहेली तू जभि
झिलमिलाही हुंकारे हनुमंत
पचारै सीमा जारि जारि
भस्म करे ,जों चापें सीऊं |
सर्वप्रथम होली या दीपावली की रात्रि में ,एकांत और स्वच्छ स्थान पर बैठ कर ,मंत्र को 108 बार जपकर और साधारण हवन - क्रिया करके ,सिद्ध कर लेना चाहिए | सिद्ध किया हुआ मंत्र वर्ष भर प्रभावी रहता है | जिस पर्व पर भी मंत्र सिद्ध किया गया हो ,उस पर्व पर ,हर वर्ष मंत्र को जप कर प्रभावी बनाते रहना चाहिए | जिस रूप में मंत्र लिखा गया है ,उसी रूप में उसका जप करना चाहिए | अक्षरों और शब्दों में अपनी तरफ से कोई हेरफेर नहीं करना चाहिए |
Post a Comment
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box