कोई भी मंत्र सिद्ध करना हो उसके लिए यह आवश्यक(Needed) है कि वातावरण, स्थान, काल, मानसिकता, शारीरिक क्षमता(Ability) और अन्य बाह्य प्रभावों(Effects) मैं निहित बाधक तत्वों का शमन कर दिया जाए | बिना ऐसा किए कोई भी मंत्र सिद्ध नहीं हो पाता, चाहे जितना भी जब चिंतन किया जाए | यहां हम उस मंत्रों का उल्लेख कर रहे हैं, जो अपने आप में शक्ति संजोए हुए हैं | साधक जन इसके द्वारा आत्मरक्षा(Self Deffence) एवं विविध संकटों से मुक्ति पाकर अनेक प्रकार की सुखद परिस्थितियों का अनुभव कर सकते हैं |
यह मंत्र न केवल साधक जन के लिए उपयोगी(Uses) हैं, वरुण वे इसके द्वारा परोपकार भी कर सकते हैं, किसी भी व्यक्ति को जो घातक संकटों से ग्रस्त हो, सहायता देकर संकट मुक्त(free) कर सकते हैं | ध्यान रहे, धन के लालच से, परोपकार करने का ढोंग नहीं करना चाहिए | साबर मंत्रों की साधना व्यवसाय के लिए नहीं, बल्कि परोपकार के लिए की जानी चाहिए | यह मंत्र उस वक्त भी काम आते हैं, जब हम कोई साधना करते हैं, तो यह मंत्र हमारे शरीर की संपूर्ण रूप से सुरक्षा करते हैं |
जब हम किसी भी मंत्र को सिद्ध करने के लिए या साधना करने के लिए बैठते हैं | तब इन सुरक्षा (Protect) के मंत्रों से अपने चारों तरफ सुरक्षा का एक घेरा बना लेते हैं, जो हमारी साधना काल में संपूर्ण रूप से सुरक्षा करता है |
सुरक्षा का कीलक मंत्र
अब जो मंत्र में आपको बता रहा हूं, वह मंत्र सभी प्रकार से आपकी सुरक्षा कर करेगा, जैसे आतातायी से सुरक्षा, अभिशाप-मुक्ति, ग्रहों का अशुभ प्रभाव, आधि-व्याधि और विभिन्न प्रकार की भौतिक-बाधाओं से निजात पाने के लिए निम्नलिखित मंत्र का प्रयोग करना चाहिए | यदि किसी मकान या घर में किसी दुष्प्रभाव के कारण धन-धान्य, परिवार, संतान, पशु, संपदा आदि की वृद्धि न होकर सदैव हानिकारक स्थिति रहती हो |
भूत-प्रेत बाधा, तांत्रिक-अभिचार का प्रभाव, किसी की कुदृष्टि स्थान पात्र, व्यक्ति - जनित कष्ट अथवा विघ्न बाधा की उपस्थिति हो, किसी प्रकार की दुर्घटनाएं होती हो अथवा वहां की निरंतर त्रास दायक स्थिति से उब कर भयभीत होकर, उस घर के लोग घर छोड़कर जाने को विवश हो तो ऐसी स्थिति में निम्नलिखित मंत्र का प्रयोग करने से उस स्थान के समस्त दोष, विघ्न और अभिशाप आदि दुष्प्रभाव समाप्त हो जाते हैं |
मंत्र इस प्रकार है
ओम नमो आदेश गुरुन को ईश्वर वाचा
अजरी बजरी बाड़ा बज्जरी में बज्जरी
दशों द्वार छवा और के घालों
तो पलट हनुमंत वीर उसी को मारे
पहली चौकी गणपती, दूजी चौकी हनुमंत
तीजी चौकी में भैरव, चौथी चौकी देत
रक्षा करण को आवे श्री नरसिंह देव जी
शब्द सांचा, पिंड काचा, चले मंत्र ईश्वरो वाचा
सर्वप्रथम होली, दीपावली, मंगलवार या रविवार अथवा किसी पुष्य नक्षत्र में सर्वप्रथम शुद्ध घी का दीपक जला दें, और अगरबत्ती आदि लगाकर कम से कम एक माला मंत्र का जाप करें, और एक माला मंत्र से हवन करें | ऐसा लगातार 40 दिन तक प्रतिदिन करें, लगातार करते रहने से 40 दिन बाद मंत्र सिद्ध हो जाता है, हवन करने के लिए हवन-सामग्री का प्रयोग करें | माला रुद्राक्ष की प्रयोग करें तथा 40 दिन की साधना के बीच में किसी भी प्रकार से मन को दूषित ना करें, और कोई ऐसा कार्य ना करें, जिससे साधना खंडित हो, जब भी इस मंत्र की जरूरत पड़े तब आप किसी भी धारदार वस्तु जैसे चाकू या कील पर केवल 11 बार मंत्र का उच्चारण करते हुए अपने चारों तरफ एक घेरा बना ले |
जब तक घेरे के अंदर बैठकर आप कोई भी साधना करेंगे, घेरे के अंदर कोई भी अदृश्य शक्ति प्रवेश नहीं कर सकती, और आप सुरक्षित रहेंगे, यदि किसी मकान को कीलना हो तो सबसे पहले यह गिनती करें कि मकान में देहरी से लेकर भीतरी कोठरी कमरों तक कितने दरवाजे और चौखट है | जितनी संख्या निकले, गिन कर उतनी ही लोहे की कीलें ले, साथ ही एक मुट्ठी काले उड़द भी ले लें | अब मंत्र पढ़कर, पांच -पांच कीलों और उड़द को अलग-अलग फूंक मारकर अभिमंत्रित कर लें | इस प्रकार कीलों और उड़द को अभिमंत्रित कर मकान में दाखिल हो जाएं | सबसे पहले आखरी कमरे में मंत्र पढ़ते हुए जाएं और उड़द के 5 दानों पर फूंक मारकर वहां बिखेर दें और बाहर आकर उस कमरे की चौखट में एक कील ठोक दे |
यह क्रिया पूरे मकान में करें | सभी कमरों में उड़द बिखेर कर, चौखटौ में कीलें ठोक दे | मकान में प्रवेश के समय से लेकर बाहर आने तक मंत्र को निरंतर पढ़ते रहे | इस बीच किसी से कोई वार्तालाप ना करें | इस क्रिया से उस स्थान का दुष्प्रभाव नष्ट होकर, वहां चमत्कारी रूप से श्री समृद्धि का वातावरण छा जाता है | यह मंत्र स्वयं सिद्ध है किसी भी प्रकार का कोई संसय नहीं है | प्रिय दोस्तों अगर आपको मेरी पोस्ट अच्छी लगी हो तो कृपया मेरी पोस्ट को शेयर और सब्सक्राइब जरूर करें तथा साथ में कॉमेंट भी लिखें |
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