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शाबर मंत्र साधना के नियम (Rules) | साधना में सफल होने के लिए आवश्यक नियम

शाबर मंत्र साधना , वैदिक मंत्र साधना की तुलना में थोड़ी आसान होती है किन्तु इसका अभिप्राय यह नहीं कि शाबर मंत्र से जुड़े नियमों को ध्यान में न रखते हुए साधना में सफल होने के प्रयास किये जाये | किसी भी साधना में सफलता और असफलता स्वयं साधक के हाथ में होती है | यदि साधक शाबर मंत्र साधना से सम्बन्धित नियमों का पालन करते हुए अपनी साधना करता है तो उसे अवश्य ही सफलता प्राप्त होती है | यदि आपने भी शाबर मंत्र साधना में सफलता प्राप्त करने का मन बना लिया है तो साधना शुरू करने से पहले एक बार शाबर मंत्र साधना से जुड़े इन नियमों को अच्छे से जान ले और फिर अपनी साधना शुरू करें

शाबर मंत्र साधना से जुड़े नियम

शाबर मंत्र एक गुप्त विद्या :-

शाबर मंत्र साधना एक गुप्त विद्या है जिसके बारे में आप और आपके गुरु के अतिरिक्त किसी को भी जानकारी नहीं होनी चाहिए | साधना के दौरान आपको होने वाले अनुभूतियों के विषय में भी आप किसी को न बताये | ऐसा करने से आपको साधना में जो अनुभूति मिल रही है वह बंद हो जाती है और साधना में असफलता ही हाथ लगती है | स्वप्न में भी होने वाली अनुभूतियों को किसी से न बताएं | किन्तु इनके विषय में अपने गुरु से कुछ न छिपाए |

शाबर मंत्र साधना में गुरु का महत्व : –

साधना चाहे कोई भी हो शाबर मंत्र की या फिर वैदिक मंत्र की , गुरु का साथ आपको अतिशीघ्र साधना में सफलता दिला सकता है | साधक द्वारा गुरु के द्वारा दिए गये मंत्र को ही सिद्ध करना चाहिए | साधना में आने वाली हर अड़चन गुरु के आशीर्वाद द्वारा आसानी से दूर हो जाती है | आपके गुरु का उचित मार्गदर्शन किसी भी कठिन साधना में होने वाले नुकसान से आपको बचाता है | साधना काल में प्राप्त होने वाली उर्जा को उचित दिशा देना बहुत जरुरी हो जाता है और ऐसा गुरु के सानिध्य में ही संभव हो सकता है |

द्रढ़ निश्चय और ध्यान साधना में सफलता का मूल रहश्य : –

किसी भी शाबर मंत्र साधना को शुरू करने से पहले अपने मन में यह द्रढ़ निश्चिय किया जाना चाहिए कि मेरे द्वारा की गयी साधना में मुझे 100 % सफलता प्राप्त होगी | इस प्रकार का निश्चय और अपने ईष्ट देव(जिस भी देव की साधना आप कर रहे है  पर पूर्ण विश्वास व श्रद्धा भाव बनाये रखे | साधना काल में मंत्र उच्चारण करते समय अपना ध्यान अपनी नाभि स्थान पर या आज्ञाचक्र पर या मंत्र की ध्वनि पर इनमें से किसी भी एक स्थान पर टिकाये रखे | मन में आने वाले विचारों को काबू में रखे व बाहरी वातावरण में होने वाली आवाजों पर बिलकुल ध्यान न दे |

ब्रह्मचर्य का पालन करें : –

साधना काल में पूर्णतया ब्रह्मचर्य का पालन करें | मन में उठने वाले किसी भी प्रकार के नकारात्मक भाव को कुछ दिनों के लिए दूर ही रखे | साधना काल में ब्रह्मचर्य के पालन के साथ-साथ , सत्य  और अहिंसा का पालन करें | स्वयं को विनम्र बनाये व स्वच्छता का विशेष ध्यान रखे |

साधना में सुरक्षा चक्र :-

कुछ शाबर मंत्र साधनाएँ उग्र होती है जिनमें सिद्धियाँ प्राप्त करना थोडा मुश्किल होता है | ऐसी साधनाएं करते समय परा शाक्तियाँ आपको नुकसान पहुंचा सकती है | इसलिए जरुरी है कि ऐसी साधनाएं करते समय अपने चारों ओर मंत्र द्वारा सुरक्षा घेरा बना लिया जाये | सुरक्षा घेरा बनाने में अक्सर चाक़ू, चिमटे , लोहे की कील व जल आदि का प्रयोग किया जाता है |

साधना में सफलता के संकेत : –

जो शाबर मंत्र साधनाएँ सफल होती है उनके शुरू के 2 या 4 दिन में ही आपको अनुभूति होने लग जाती है | जैसे, साधना के समय कुछ अनुभव होना , या सुनाई देना या फिर कुछ दिखाई भी दे सकता है |  यदि ऐसा नहीं होता है तो बहुत ही मुश्किल है की आपको साधना में सफलता प्राप्त हो |


मंत्र जप के साथ-साथ देव के प्रति श्रद्धा भाव :-

साधना में सफलता आपके सिर्फ मंत्र जप से नहीं बल्कि देव के प्रति श्रद्धा भाव, सेवा और समर्पण से प्राप्त होती है |

ग्रहण का महत्व :-

शाबर मंत्र साधना में ग्रहण का बहुत अधिक महत्व होता है | इसलिए यदि आपकी साधना में ग्रहण आता है तो ग्रहण काल के समय अधिक से अधिक मन्त्रों की आहुति दें, इससे शाबर मंत्र जाग्रत होते है |
शाबर मंत्र साधना में मंत्र जप शुरू करने से पहले भगवान श्री गणेश , अपने गुरु और अपने ईष्ट देव से साधना में सफल होने की अरदास जरुर लगाये |
शाबर मंत्र द्वारा साधना में सफलता प्राप्त करना आसान होता है , ऊपर दिये गये नियमों का पालन करते हुए आप भी शाबर मंत्र साधना को पूरा कर सकते है | शाबर मंत्र देहाती भाषा में लिखे होते है जिनका अर्थ स्पष्ट नहीं होता है | इसलिए इनका उच्चारण जैसा लिखा है उसी अनुसार करना चाहिए, खुद से इन मन्त्रों में त्रुटी निकालकर कोई बदलाव न करें |

स्त्री वशीकरण शाबर मंत्र 

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