-->

Ads 720 x 90

Translate

Apsara Sadhna -अप्सरा साधना

भगवान ने मनुष्य को हाथ-पैर और बुद्धि के साथ-साथ सीमित शाक्तियाँ ही प्रदान की है किन्तु इस बुद्धि का प्रयोग ठीक प्रकार से किया जाये तो यह मनुष्य को असीमित शक्तियों का मालिक बनाने के साथ-साथ स्वयं भगवान को जानने व उसे प्राप्त करने का मार्ग भी प्रदर्शित करती है | अध्यात्म की द्रष्टि से एक जातक का प्रमुख लक्ष्य धर्म का अनुसरण करते हुए अपने दायित्वों का निर्वाह कर मोक्ष की प्राप्ति करना है | धार्मिक द्रष्टि से साधना का बहुत अधिक महत्व है | एक जातक को अद्भुत शक्तियों का मालिक बनाने में व सभी सुखों से परिपूर्ण करने में दैविक साधना चमत्कारिक परिणाम देती है |
हिन्दू धरम में बहुत सी ऐसी चमत्कारिक साधनाओं का विवरण मिलता है जिन्हें सिद्ध करने पर जातक बहुत सी चमत्कारिक शक्तियों का मालिक बन सकता है | अप्सरा साधना भी चमत्कारिक साधनाओं में से एक है जो ‘ आकर्षक व्यक्तित्व ‘ की चाह रखने वाले जातक की इच्छा को पूर्ण करती है | अप्सरा साधना में सफलता प्राप्त करने वाला जातक : सौंदर्य, रूप , यौवन व आकर्षण आदि स्वाभाविक रूप से प्राप्त कर लेता है | प्रेम संबंध में विफलता, विवाह में विलम्ब व भोग की प्राप्ति में भी अप्सरा साधना करना फलदायी माना गया है |

अप्सरा स्वर्गलोक की वे सुंदरियाँ है जो इंद्रदेव के दरबार में नृत्य कला व गायन करने के साथ-साथ इंद्रदेव के आदेश अनुसार समय-समय पर ऋषियों-मुनियों की तपस्या को अपने मोह जाल द्वारा भंग करने का कार्य भी करती रही है | और इसी कारण उन्हें समय-समय पर ऋषियों द्वारा श्राप का भाजन भी बनना पड़ा है | धर्म शास्त्रों में बहुत सी अप्सराओं का विवरण मिलता है जिनमें : घृताची, रंभा , उर्वशी, तिलोत्तमा, मेनका और कुंडा को प्रमुख माना गया है | उर्वशी अप्सरा को सबसे शक्तिशाली माना गया है व इसे सिद्ध करना थोडा कठिन भी है |
अप्सराएँ भी स्वयं में एक दैवीय शक्ति ही होती है जो जातक की हर इच्छा को पूर्ण कर सकती है | अप्सरा साधना पूर्ण होने पर ये प्रत्यक्ष रूप से जातक को दर्शन देती है व उसके अनुरूप उसकी सभी इच्छाओं की तृप्ति भी करती है | अप्सरा साधना को सिद्ध करने वाला जातक रूप,सौंदर्य, कला में तो स्वतः ही पारंगत हो जाता है इसके साथ ही अप्सरा उसकी सभी मनोकामना को भी पूर्ण करती है |
धर्म पुराणों के अनुसार अप्सरा साधना सरल और अतिशीघ्र फल देने वाली साधना है | किन्तु वास्तविक द्रष्टि से देखा जाये तो साधना चाहे कोई भी हो उसमें सिद्धि प्राप्त करने में जातक को बड़ी-बड़ी परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है | अप्सरा साधना में भी जातक की साधना को भंग करने के बार-बार प्रयास किये जाते है और अधिकांश जातक जरा सी भय की अनुभूति होते ही साधना को छोड़ देता है |
पूर्ण विश्वास, द्रढ़ संकल्प, एकाग्रता व योग्य गुरु का मार्गदर्शन ही साधना में सफल होने की कुंजी है | इसलिए किसी भी साधना को शुरू करने से पूर्व इन सभी बातों को जीवन में अपनाएँ व उसके पश्चात् ही साधना प्रारंभ करें |
किसी भी साधना को शुरू करने से लेकर पूर्ण करने तक एक साधू-संत की भांति जीवन व्यतीत करना चाहिए | इस दौरान अपनी इच्छाओं और वासनाओं पर नियंत्रण रखना जरुरी होता है |

Related Posts

Post a Comment

Subscribe Our Newsletter