वशीकरण का प्रयोग अभीष्ट व्यक्ति की मानसिकता को अपने नियंत्रण में करने के लिए किया जाता है | वशीकरण से प्रभावित व्यक्ति की अस्मिता समाप्त हो जाती है | वह अपना स्व और अहम् भूलकर साधक का दास बन जाता
है | और उसकी इच्छानुसार कार्य करने को बाध्य होता है | प्राय: साधक वशीकरण का प्रयोग अनुचित लाभ उठाने के लिए करते है | जो सर्वथा अनुचित है | किसी को वशीकरण करके उससे तन, मन, धन का लाभ उठाना बहुत ही निंदनीय है | हमारा सुझाव है कि वशीकरण का प्रयोग सदैव उपकार की भावना से करना चाहिए |
स्त्री वशीकरण मन्त्र
व्यभिचार जैसे अनैतिक कार्य के लिए निम्नलिखित शाबर मन्त्र का प्रयोग कभी नहीं करना चाहिए| ऐसा कर्म करने से साधक पाप का भागीदार बनता है|
कामूर देस कामख्या देवी
तहां बसे इस्माइल जोगी
इस्माइल जोगी ने लगायी फुलवारी
फूल बीने लोना चमारी
जो इस फूल की सूघें बास
तिसका जीव हमारे पास
घर छोड़े आंगन छोड़े
लोक कुटुम की लज्जा छोड़े
दुहाई लोना चमारी की
दुहाई धनन्तर की छू
किसी शनिवार की रात्रि से मन्त्र का जप शुरू करें| जप के पूर्व स्नानादि करके, शुद्ध एकांत स्थान में घी का दीपक जलाकर रखें| किसी मिट्ठी के सकोरे में कन्डो की आंच भी रखे | मन्त्र जप के साथ ही लोबान की धूनी देकर मधु और नैवेघ चढ़ाए| 144 बार मन्त्र का जप करे | नियमित 21 दिनों तक यह साधना करके मन्त्र सिद्ध किया जाता है | जब किसी स्त्री को वशीभूत करना हो, तो कोई भी एक फूल लेकर,उस पर सात बार मन्त्र पढकर फूके| यह फूल जिस स्त्री को भी सुंघाया जाएगा| उसका वशीकरण होगा |
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