किसी शत्रु द्वारा व्यापार, घर स्तंभन करवाया गया हो यानी कई दुष्ट प्रवृत्ति के मनुष्य, दुष्ट प्रवृत्ति के तांत्रिक पैसे के लालच में किसी का चलता हुआ व्यापार , घर आदि बाँध दिया करते है ---ये अत्यंत अनुचित कार्य है, परन्तु तांत्रिक पैसे के लालच में और जो करवा रहा है, वो दूसरा खुशहाल क्यों है, ये उसके जलन होती है! अगर कोई एसी बाधा से परेशान है तो वो यह उपाय जो पूर्णतया प्रायोगिक है, करके उस बंदिश से छुटकारा पायें! जन कल्याणार्थ उपाय दे रहे है! मंगलवार की संध्या को चोकी (पाटे )पर लाल वस्त्र नया बिछाकर उस पर तिल की ढेरी बनाए फिर उस तिलों पर एक बङा दीपक सरसों तेल का रखें, दीपक में 8 कीलें लोहे की डालें, ढेरी पर 1 नींबू, 7 इलायची और 7 डंडी सहित लाल मिर्च रखें , फिर रात्रि 12 से दो बजे तक मंत्र जपें!
■ पहले रक्षा मंत्र सात बार बोलते हुए चाकू से अपने चारों और घेरा बनावे , मंत्र जप लाल आसन ऊनी, पास मे तांबे का पात्र जल से भरा, माला लाल नये वस्त्र से ढक कर जपे!
■ रक्षा मंत्र ----ॐ हनुमत वीर वज्र का कोठा, जिसमें पिण्ड हमारा पैठा, ईश्वर कुंजी ब्रह्मा का ताला इस घट का यति हनुमंत रखवाला ---ये सात बार बोलकर चकू से घेरा बनायें फिर पांच माला निम्न मंत्र की!
■--ॐ हनुमत वीर रखो हद थीर करो यह काम, व्यापार बढ़े, तंतर दूर हो,टूणा टूटे, ग्राहक बढ़े, कारज सिद्ध हो न हो तो माता अंजनी की दुहाई!
जप के बाद कीलें निकाल कर घर व दूकान के चारों कोनों में अंदर की तरफ (कोनों मे ) ठोकें ( गाङ दें ) तथा शेष दीपक सहित सारी सामग्री उस लाल कपङे में बांधकर अटोक चौराहे पर रात्रि को ही धरें, पिछे, इधर-उधर ना देखे ना ही किसी से बोले, घर आकर हाथ, पैर मुंह धोकर किसी से बोले!
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